रेलवे द्वारा दिल्ली सरकार की 'मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा' योजना पर कुछ समय के लिए रोक लगा दी है। रेलवे ने इसके पीछे ट्रेन उपलब्ध न होने का कारण बताया है। दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार को इसका जिम्मेदार ठहराया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा है कि जल्द ही इसे फिर से शुरू कराया जाएगा। आपको बता दें कि इस योजना के तहत वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त तीर्थयात्रा कराई जाती है। योजना की शुरुआत इसी साल 12 जुलाई से हुई थी। दिल्ली सरकार ने घोषणा की थी कि मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के तहत सभी यात्रियों के लिए पूरा खर्च सरकार वहन करेगी।
यात्रा के दौरान मिलती हैं सभी सुविधाएं
इस यात्रा में लोगों को वातानुकूलित ट्रेन, आवास, भोजन, बोर्डिंग, ठहरने और अन्य व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। वहीं 21 साल से ज्यादा की उम्र का एक अटेंडेंट हर बुजुर्ग यात्री के साथ जा सकता है।
कई जगहों की हो चुकी है यात्रा
इस पहली यात्रा में दिल्ली-अमृतसर-वाघा बॉर्डर-आनंदपुर साहिब कॉरिडोर को कवर कर दिल्ली के बुजुर्गों को इन स्थानों के दर्शन कराए गए थे। इसके अलावा दिल्ली-वैष्णो देवी-जम्मू के लिए यात्रा भी कराई गई थी। योजना के अंतर्गत सरकार 77,000 वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त में तीर्थाटन कराएगी।
5 रूट किए गए हैं तय
सरकार ने मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना की शुरुआत में दिल्ली से पांच रूट तय किए गए हैं- मथुरा-वृंदावन, हरिद्वार-ऋषिकेश-नीलकंठ, पुष्कर-अजमेर, अमृतसर-बाघा-आनंदपुर साहिब और वैष्णो देवी-जम्मू। बता दें कि हाल ही में सीएम अरविंद केजरीवाल राजधानी के वरिष्ठ नागरिकों के लिए 'मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना' को लॉन्च किया था।
तीर्थ यात्रा योजना के लिए क्या है योग्यता
- आवेदक दिल्ली का स्थायी निवासी हो। तीर्थयात्रा योजना में लाभ उठाने के लिए उम्र 60 साल या अधिक हो। हर वरिष्ठ नागरिक के साथ 18 साल या उससे अधिक उम्र का एक सहायक तीर्थ यात्रा पर जा सकता है।
- सरकारी अधिकारी और एम्पलॉई तीर्थ यात्रा योजना में भाग नहीं ले सकते। एक सीनियर सिटीजन अपने जीवन में एक बार ही तीर्थ यात्रा योजना का लाभ ले सकते हैं।
- बुजुर्ग नागरिक की सालाना आय 3 लाख रुपए से कम होनी चाहिए। 71 साल या इससे अधिक उम्र के लोगों को इसमें 21 साल तक के एक अटेंडेंट ले जाने की भी सुविधा होगी। सभी ट्रेन वातानुकूलित होंगी।